‘मेरे
सपनों का भारत’
पुस्तक आजाद भारत का दुनिया के लिए क्या पैगाम है और उसके जरिये शोषण और विषमता तथा
अन्याय और गरीबी से त्रस्त मानव जाति के लिए किस प्रकार के मार्गदर्शन की अपेक्षा
रखी जानी चाहिए, इस सम्बन्ध में गांधीजी की दृष्टि उन्हीं के शब्दों में संकलित है।
पृष्ठ
:
210
आकार
:
क्राउन
ISBN: 978819227552
This product was added to our catalog on Sunday 19 May, 2013.