Description
बापू की गोंद मै – नरायण देसाई
Bapu Ki Gond Mein – Narayan Desai
22 प्रकरणों की यह छोटी-सी पुस्तक गांधीजी के अनेक अनजाने अलौकिक गुणों पर प्रकाश डालती है। ‘मोहन और महादेव’ इस पुस्तक की दो विभूतियाँ हैं। ‘हरि-हर’ की तरह उनका विभूतिमत्व अविभाज्य है। अनेक घटनाओं और प्रसंगों के कारण चित्रण में नारायणभाई ने उस विभूतिमत्व की जो झाँकियाँ दिखायी हैं, वे नितान्त मनोज्ञ हैं।
पृष्ठ : 132
आकार : क्राउन