Description
Sarvodaya
सर्वोदय (अण्टू दिस लास्ट) – गांधी
गांधीजी का विश्वास कि जो चीज मुझ में गहराई से भरी हुई थी, उसका स्पष्ट प्रतिबिम्ब जॉन रस्किन की पुस्तक ‘अनटू दिस लास्ट’ ग्रंथ-रत्न में मिला। उसी पुस्तक का सार ‘सर्वोदय’ के नाम से प्रकाशित हुआ। यह पुस्तक मूल्यवान है, कारण इसमें उन नैतिक मूल्यों का प्रतिपादन किया गया है जिसके आधार पर गांधीजी राम-राज्य की स्थापना चाहते थे।
पृष्ठ : 36
आकार : क्राउन