Description
Hind Swaraj (Hindi)
हिन्द स्वराज – मोहनदास करमचंद गांधी
हिन्द स्वराज, द्वेषधर्म की जगह प्रेमधर्म सिखाती है, हिंसा की जगह आत्मबल को रखती है, पशुबल से टक्कर लेने के लिए आत्मबल को खड़ा करती है। पुस्तक में बताये गये कार्यक्रम के एक हिस्से का अमल हो रहा है—अहिंसा का। अहिंसा का अमल हो तो एक ही दिन में स्वराज मिल जाय। हिन्दुस्तान अगर प्रेम के सिद्धान्त को धर्म के एक सक्रिय अंश को स्वीकार करे, तो स्वराज स्वर्ग से धरती पर उतरेगा।
पृष्ठ : 104
आकार : क्राउन